DELHI POLICE की क्राइम ब्रांच ने 25 जुलाई 2025 को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दोहरे हत्याकांड के दोषी हामिदुल्लाह बंडू खान को गिरफ्तार किया। यह 70 वर्षीय अपराधी अपनी दो नाबालिग बेटियों की हत्या और तीसरी बेटी पर हत्या के प्रयास के मामले में 20 वर्ष की सजा काट रहा था, लेकिन पैरोल पर रिहा होने के बाद चार साल तक फरार रहा।

DELHI POLICE क्राइम ब्रांच की बड़ी कामयाबी: 4 साल से फरार हत्यारा गिरफ्तार
हामिदुल्लाह, पुराना मुस्तफाबाद, दिल्ली का निवासी, पांच बेटियों का पिता था। अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद, वह अपनी तीन नाबालिग बेटियों के साथ अकेले रह रहा था, क्योंकि अन्य दो बेटियों की शादी हो चुकी थी। 30 जुलाई 1999 को, 13 वर्षीय बेटी ने गोकुलपुरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की कि उसके पिता ने उसे और उसकी दो छोटी बहनों को जहर देने की कोशिश की।
उसने बताया कि 29 जुलाई 1999 की रात करीब 10:30 बजे, उसके पिता घर लौटे और उसे तीन कैप्सूल दिए—बाहर से नीले और अंदर से सफेद—जिनमें से एक उसे खुद लेने और बाकी दो उसकी 6 और 4 वर्ष की बहनों को देने को कहा।जब उसने पूछा कि केवल उसे ही पेट दर्द है, तो कैप्सूल की क्या जरूरत है, तब पिता ने जोर दिया और स्वयं छोटी बेटियों के मुंह में कैप्सूल डाल दिए।
शिकायतकर्ता ने कैप्सूल निगलने का दिखावा किया, लेकिन उसे अपनी जीभ के नीचे छिपा लिया।कुछ देर बाद, दोनों छोटी बहनों में जहर के लक्षण दिखाई दिए, जिनमें सांस लेने में तकलीफ और मुंह से झाग निकलना शामिल था, जबकि शिकायतकर्ता ने कैप्सूल को बाहर थूक दिया और जलन महसूस की।
उसने पड़ोसियों से मदद मांगी। जब वे लौटे, तो पिता फरार हो चुका था। परिवार ने लड़कियों को अस्पताल पहुंचाया, जहां दोनों छोटी बेटियों को मृत घोषित कर दिया गया।जांच के दौरान, दोषी को 31 जुलाई 1999 को गिरफ्तार किया गया। उसने पुलिस को उस दुकान तक पहुंचाया, जहां से उसने स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन कैप्सूल खरीदे थे, जो एक प्रतिबंधित और जहरीला ड्रग है। इसके अलावा, उसके घर पर पानी के मोटर के पीछे छिपाए गए तीन अप्रयुक्त कैप्सूल और खाली स्ट्रिप्स भी बरामद की गईं।
दो बेटियों की हत्या का दोषी पकड़ा गया, DELHI POLICE का साहसिक ऑपरेशन
DELHI POLICE ने बताया कि सबसे बड़ी बेटी ने चतुराई से कैप्सूल निगलने से बच लिया, लेकिन छोटी बेटियों (6 और 4 वर्ष) की अस्पताल में मृत्यु हो गई। हामिदुल्लाह उस रात फरार हो गया, लेकिन बाद में 31 जुलाई 1999 को गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में पता चला कि उसने एक दुकान से ये कैप्सूल खरीदे थे और अपने घर में पानी के मोटर के पीछे अप्रयुक्त कैप्सूल और खाली स्ट्रिप्स छिपाए थे। पूर्ण सुनवाई के बाद, उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 328, 307 और 302 के तहत दोषी ठहराया गया और 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।

पैरोल जंपर हामिदुल्लाह 4 साल बाद DELHI POLICE क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में
पैरोल जंपर की कहानीहामिदुल्लाह को बाद में पैरोल दी गई, लेकिन वह पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद जेल नहीं लौटा और फरार हो गया। चार साल तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर रहा, बार-बार अपने ठिकाने बदलता रहा। उसकी यह हरकत न केवल कानून का उल्लंघन थी, बल्कि उन परिवारों के लिए भी एक त्रासदी थी, जो इस जघन्य अपराध से प्रभावित हुए थे।
पुलिस ऑपरेशन:
एक साहसिक कार्रवाई DELHI POLICE की क्राइम ब्रांच ने इस फरार अपराधी को पकड़ने के लिए एक समर्पित ऑपरेशन शुरू किया।
इंस्पेक्टर सतेंद्र पूनिया और इंस्पेक्टर सोहन लाल बिजारनिया के नेतृत्व में, सब-इंस्पेक्टर मुकेश, एएसआई विनय और कांस्टेबल अमित की एक विशेष टीम गठित की गई।
इस टीम ने तकनीकी और मैनुअल निगरानी के साथ-साथ गुप्त सूचनाओं का उपयोग कर हामिदुल्लाह को गाजियाबाद के खुशाल पार्क, लोनी में पकड़ लिया। यह ऑपरेशन एसीपी रमेश चंद्र लांबा की रणनीतिक देखरेख में पूरा हुआ।
दोषी का प्रोफाइल
- दोषी: हामिदुल्लाह बंडू खान (70 वर्ष)
- अपराध: दो नाबालिग बेटियों की हत्या, तीसरी पर हत्या का प्रयास
- सजा: 20 वर्ष का कठोर कारावास
- फरार अवधि: 4 वर्ष
- बरामदगी: स्पास्मो प्रॉक्सीवॉन कैप्सूल, खाली स्ट्रिप्स
- नाम: हामिदुल्लाह बंडू खान
- उम्र: 70 वर्ष
- स्थायी निवास: पुराना मुस्तफाबाद, दिल्ली
- वर्तमान निवास: डी-ब्लॉक, खुशाल पार्क, लोनी, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
हामिदुल्लाह का यह जघन्य अपराध और उसके बाद फरार होना उसके आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है। उसकी कहानी एक त्रासदी है, जो न केवल उसके परिवार, बल्कि समाज के लिए भी एक सबक है।
DELHI POLICE की बहादुरी और समर्पण यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की दृढ़ता और तकनीकी कौशल का प्रतीक है। बार-बार ठिकाने बदलने वाले अपराधी को पकड़ना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह सुनिश्चित किया कि न्याय की जीत हो। डीसीपी आदित्य गौतम ने इस ऑपरेशन को “कानून और व्यवस्था की जीत” करार दिया।
“दिल्ली पुलिस का यह ऑपरेशन अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि कानून से बचना असंभव है।” – (आदित्य गौतम) उपायुक्त, क्राइम ब्रांच दिल्ली
डीसीपी आदित्य गौतम
हामिदुल्लाह की गिरफ्तारी न केवल एक अपराधी को सजा दिलाने की कहानी है, बल्कि यह दिल्ली पुलिस की उस अटल प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है, जो समाज को सुरक्षित रखने के लिए हर चुनौती का सामना करती है। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून की पहुंच से कोई नहीं बच सकता।
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