आरोपी गौरव सेन 21 दिनों की न्यायिक हिरासत मे : कठोर सजा से बच रहा था

आरोपी गौरव सेन 21 दिनों की न्यायिक हिरासत मे : कठोर सजा से बच रहा था
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Tipu Sultan

टिपू सुल्तान, एक प्रतिष्ठित न्यूज़ एडिटर, जिनके पास क्राइम जर्नलिज्म में 12 वर्षों का अनुभव है।

आरोपी गौरव सेन कोर्ट की कठोर सजा से बच रहा था माफिया आरोपी, द्वारका पुलिस ने किया गिरफ्तार । जानेंगे क्राइम एपिसोड ( Crime Episode ) की इस खबर मे

आरोपी गौरव सेन 21 दिनों की न्यायिक हिरासत मे : कठोर सजा से बच रहा था

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर अपनी सतर्कता और दक्षता का परिचय देते हुए एक ऐसे माफिया आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो कोर्ट की कठोर सजा से बचने की फिराक में था। यह कार्रवाई द्वारका पुलिस ने 21 मार्च, 2025 को अंजाम दी, जिसमें एक हाई-प्रोफाइल आरोपी को हिरासत में लिया गया।

डी सी पी अंकीत के दिशा निर्देश पर एक विशेष अभियान चलाया । इसी क्रम में, द्वारका साउथ थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर राजेश कुमार शाह के नेतृत्व में और एसीपी किशोर कुमार रेवला के मार्गदर्शन में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें सेक्टर-10 चौकी के इंचार्ज एसआई रजत मलिक, हेड कांस्टेबल परवेश दहिया और हेड कांस्टेबल पवन शामिल थे।

टीम ने मानवीय और तकनीकी निगरानी के आधार पर सूचनाएं जुटाईं। कई दिनों की कड़ी मेहनत और फील्ड वर्क के बाद, टीम को गुप्त सूचना मिली। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने 31 जुलाई, 2025 को आरोपी गौरव सेन (30) को दिल्ली के संत नगर, बुराड़ी स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी गौरव सेन, जो स्वर्गीय नरेश कुमार सेन का बेटा है, एचडीएफसी प्राइवेट लिमिटेड बनाम गौरव सेन मामले में कोर्ट की कार्यवाही में पेश नहीं हो रहा था। इस कारण, द्वारका कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट-01 एक्ट नितिन शाह की अदालत ने 21 मई, 2025 को उसे भगौड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अब उसे अदालत में पेश किया जाएगा।

6 कदम ओर सतनाम सिंह: कोर्ट की कठोर सजा से बच रहा था द्वारका पुलिस ने धर लिया।

द्वारका पुलिस ने इस मामले में बेहद सावधानी और रणनीति के साथ काम किया। शुरुआत में पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की और स्थानीय मुखबिरों से सूचनाएं जुटाईं।

इस मामले में पुलिस ने न केवल तुरंत कार्रवाई की, बल्कि अपराध की जड़ों तक पहुंचकर उसे उखाड़ फेंकने का संदेश भी दिया है। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 21 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस खबर ने न केवल दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली को उजागर किया, बल्कि आम जनता में भी सुरक्षा का भरोसा बढ़ाया है।

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गिरफ्तारी के बाद आरोपी गौरव सेन को 21 मार्च, 2025 को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि आरोपी फरार चल रहा था और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था। कोर्ट ने 21 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि पुलिस इस दौरान उसके नेटवर्क की जांच करे और अन्य संलिप्त आरोपियों को भी पकड़े। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो आरोपी के संपर्कों और उसके वित्तीय लेन-देन की पड़ताल कर रही है। द्वारका पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस कार्रवाई ने इलाके के लोगों में दिल्ली पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ाया है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसी सख्त कार्रवाई से अपराधियों में डर पैदा होगा। एक स्थानीय व्यापारी ने बताया, “हम लंबे समय से इस तरह के अपराधियों से परेशान थे। पुलिस की इस कार्रवाई से हमें राहत मिली है।”

आरोपी गौरव सेन 21 दिनों की न्यायिक हिरासत मे : कठोर सजा से बच रहा था

हालांकि, पुलिस के सामने कई चुनौतियां भी हैं। संगठित अपराधियों का नेटवर्क तोड़ना और उनके प्रभाव को खत्म करना आसान नहीं है। द्वारका पुलिस ने इस दिशा में कदम उठाते हुए अपनी निगरानी को और मजबूत करने का फैसला लिया है। इलाके में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और गश्त को और प्रभावी बनाने की योजना बनाई गई है।

इसके अलावा, पुलिस जनता से भी अपील कर रही है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें, ताकि अपराध पर लगाम लगाई जा सके।

द्वारका पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। एसएचओ राजेश कुमार और उनकी टीम ने न केवल एक खतरनाक आरोपी को पकड़ा, बल्कि अपराधियों के हौसले को भी पस्त किया है। यह घटना दिल्ली पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति का एक उदाहरण है, जो अपराधमुक्त समाज की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

आने वाले दिनों में पुलिस की यह सख्ती और बढ़ने की उम्मीद है, जो निश्चित रूप से जनता के लिए राहत की बात होगी।इसके साथ ही, यह घटना यह भी दिखाती है कि पुलिस और जनता के सहयोग से अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है। अगर हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और पुलिस को सहयोग दे, तो दिल्ली जैसे महानगरों में अपराध की दर को कम करना संभव हो सकता है।

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